Himachal News: हिमाचल के मंडी जिले में स्थित कालंग गांव से ऐसी खबर सामने आ रही है, जिसने वहां के लोगों को खौफ में जीने पर मजबूर कर दिया है। लगातार जमीन फटने और पहाड़ियों के दरकने से वहां की चिंता बनी हुई है। लोगों का कहना है कि उत्तराखंड जैसी स्थिति अब हिमाचल में भी नजर आने लगी है।

Himachal News: पहाड़ों की खूबसूरती जितनी सुंदर और सुकून देने वाली लगती है उतनी ही आपदाओं से घिरी हुई भी है। जहां एक ओर लोग शहरों से तलाश में पहाड़ों की वादियों यानी कि शिमला, मनाली, मंडी जैसे हिल स्टेशनों में आते हैं, लेकिन कुछ ऐसी भयानक जगह भी हैं जहां पर लोग खौफ की जिंदगी जी रहे हैं। मानों अब जमीनी हकीकत वहां के लोगों को डराने लगी हो। दरअसल हम बात कर रहे हैं हिमाचल के मंडी में स्थित कालंग गांव की, जहां एक बार फिर उत्तराखंड की जोशीमठ जैसे हालात पैदा होने लगे हैं। या यूं कह सकते हैं कि हिमाचल की ऐसी तस्वीर जिसने एक बार फिर उत्तराखंड के जोशीमठ में हुए खौफनाक मंजर की याद दिला दी हो, जिसने वहां के लोगों की चिंता बढ़ा दी है।
मंडी के द्रंग विधानसभा क्षेत्र में स्थित ऋषि पराशर मंदिर के आसपास की पहाड़ियों पर लगातार दोनों तरफ से भूस्खलन हो रहा है। इसके अलावा कालंग गांव के साथ-साथ ज्वालापुर से टिहरी की ओर भी पहाड़ियों पर एक फीट तक की दरारें दिखने लगी हैं। वहां के हालात इतने नाजुक हो चुके हैं कि जमीन फटने लगी है और जोशीमठ जैसी स्थिति के आशंका बढ़ती जा रही है।
गांव को दूसरी जगह बसाने की चल रही तैयारी
मंडी के कालंग गांव को वहां के लोगों के लिए अब असुरक्षित माना जा रहा है। साथ ही उसे दूसरी जगह शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है। जिसे लेकर सोमवार को एक अहम बैठक की गई। जहां पर फैसला लिया गया कि लोक निर्माण विभाग, बिजली बोर्ड और जल शक्ति विभाग की टीमें जल्द ही नायब तहसीलदार के साथ गांव का संयुक्त निरीक्षण करेंगे। इसके साथ ही अपनी रिपोर्ट उपायुक्त मंडी को सौंपेंगे। रिपोर्ट के बाद प्रशासन गांवों को असुरक्षित घोषित करने की अपनी प्रक्रिया शुरू करेगा।
खतरे में जीने को मजबूर गांव के लोग
बता दें कि ऋषि पराशर मंदिर के पास से गुजरने वाली सड़क अब पहाड़ों के दरारों गिरफ्त में आ चुकी हैं। इसके ठीक सामने कालंग गांव के नीचे भी लगातार जमीन खिसक रही है। जिसमें देखा गया कि यहां पर रहने वाले 14 से 15 परिवारों के घर अब पूरी तरह खतरे में है, लेकिन वहां के लोग अपने मकान छोड़ने को तैयार नहीं है।
हेलीपैड को लेकर भी जताया खतरा
मंदिर के आसपास के लोगों का कहना है कि इस बार पिछले साल की तुलना में दरारे 1 फीट तक बड़ी हैं। इससे यहां पर बन रहे हेलीपैड को भी लगातार खतरा बना हुआ है। गांव के लोगों का कहना है कि मंदिर अभी तक तो सुरक्षित है लेकिन जिस तरह से जमीन पर दरारें बन रही हैं यह भविष्य में और चिंता बढ़ाने वाला है। वहां के लोगों की मांग है कि क्षेत्र में हुए भूमि कटाव के कारणों की सही जांच होनी चाहिए।
क्षेत्र को देवस्थान से क्यों जोड़ते स्थानीय लोग?
लगातार हिमाचल में हो रही बरसात से एक ओर जहां जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है, तो वहीं मंडी के इस क्षेत्र को देवस्थान से भी जुड़ा माना जाता है। वहां के लोग इस आपदा को सिर्फ एक प्राकृतिक कहने के बजाय आध्यात्मिक रूप से भी देख रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि लोग पवित्र स्थान की मर्यादा का ख्याल नहीं रख पा रहे हैं। लोगों का कहना है कि अगर आने वाले वक्त में भी देवी देवताओं और प्रकृति से इस तरह की छेड़छाड़ जारी रही है तो इससे भी ज्यादा भयानक नतीजे सामने आ सकते हैं।
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