Share Market: आज के दौर में हम अगर “शेयर मार्केट” या “शेयर बाजार” शब्द की बात करते हैं तो ये बहुत आम हो गया है। खासकर कि अखबारों, न्यूज़ चैनलों और सोशल मीडिया पर आए दिन इसके बारे में चर्चा होती रहती है। लेकिन आज भी बहुत से लोग ऐसे हैं जो इसको लेकर भ्रम में रहते हैं– आखिर यह शेयर मार्केट होता क्या है? इसमें पैसे कैसे लगते हैं? इसमें जोखिम कितना होता है और मुनाफा कैसे कमाया जाता है? आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको शेयर मार्केट की पूरी जानकारी सरल और समझदारी भरे अंदाज़ में बताएंगे।

Share Market: शेयर मार्केट क्या होता है?
आज के दौर में अगर हम शेयर मार्केट की बात करें तो एक रंगीन और जोशीली दुनिया है, जहाँ कंपनियों के शेयर (हिस्सेदारी) खरीदे और बेचे जाते हैं। अगर आसान शब्दों में कहें तो जहां निवेशकों के सपने और कंपनियों के योजनाओं का मेल देखने को मिलता है। बता दें कि जब भी कोई कंपनी पूंजी जुटाना चाहती है, तो वह अपने शेयर जनता को बेचती है। जिसके बाद जनता या निवेशक उस कंपनी के शेयर को खरीदकर कंपनी के मालिकाना हक का एक छोटा सा हिस्सा ले लेते हैं।
शेयर क्या होता है?
कितने लोगों का अब एक सवाल होगा कि आखिर ये शेयर क्या होते हैं? तो चलिए आपकों बता दें कि शेयर का मतलब है किसी कंपनी की हिस्सेदारी। जब भी आप किसी कंपनी का एक शेयर खरीदते हैं, तो आपको भी उस कंपनी के एक छोटे हिस्से के मालिक बनाया जाता है। जिसका सीधा मतलब है कि कंपनी को होने वाले मुनाफे में आपको भी एक हिस्सेदारी (डिविडेंड के रूप में), और अगर उस कंपनी का प्रदर्शन बाजार में अच्छा रहा तो आपके शेयर की कीमत भी बढ़ेगी।
शेयर बाजार के प्रमुख प्रकार
- Primary Market (प्राथमिक बाजार):
- Primary Market वो बाजार है जहाँ कंपनियाँ पहली बार अपने शेयर जनता को बेचती हैं यानी IPO लाकर।
- Secondary Market (द्वितीयक बाजार):
वहीं अगर हम Secondary Market की बात करते हैं तो यहाँ निवेशक आपस में शेयरों की खरीद-बिक्री करते हैं। जैसे की NSE और BSE इसी सेकेंडरी मार्केट का हिस्सा हैं।
शेयर बाजार में निवेश करने के तरीके

- Demat Account खोलें:
शेयर खरीदने-बेचने के लिए आपको सबसे पहले अपना एक डिमैट खाता खोलना होगा। बता दें कि यह एक डिजिटल अकाउंट होता है जिसमें आपके शेयर पूरी तरह से सुरक्षित रहते हैं। - Trading Account:
इसके जरिए आप शेयरों की खरीद और बिक्री करते हैं। - ब्रोकर का चयन करें:
आप Zerodha, Upstox, Groww, Angel One जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं। - शेयर चुनें और निवेश करें:
इन सबके बाद अब आप किसी कंपनी का विश्लेषण करके उसमें निवेश कर सकते हैं।
शेयर बाजार से पैसे कैसे कमाए?
शेयर प्राइस में बढ़ोतरी से: अगर आप अपने किसी शेयर को ₹100 में खरीदते हैं और वह बढ़कर ₹150 हो गया, तो ऐसे में आपको ₹50 का फायदा है।
- डिविडेंड से: कुछ कंपनियाँ ऐसी भी हैं जो अपने मुनाफे का हिस्सा निवेशकों को डिविडेंड के रूप में देती हैं।
- लंबी अवधि का निवेश (Long-term Investment): अगर आप अच्छे शेयरों में लंबे समय तक निवेश करते हैं तो ऐसे में आपको बहुत अच्छा रिटर्न मिल सकता है।
- जोखिम और सावधानियाँ
- जितनी तेजी से आपको शेयर मार्केट में मुनाफा हो सकता है, उतना ही नुकसान भी। इसलिए कभी भी बिना रिसर्च के निवेश न करें।
- किसी की सलाह पर आंख बंद कर निवेश न करें।
- यहां पर आपको लालच और डर दोनों से बचना है।
- हमेशा अपने वित्तीय लक्ष्य और जोखिम क्षमता के अनुसार निवेश करें।
शेयर मार्केट के फायदे
- पूंजी बढ़ाने का अच्छा साधन: यहां पर आपको बैंक FD की तुलना में कई बेहतर रिटर्न मिल सकता है।
- तरलता (Liquidity): इसके साथ ही ज़रूरत पड़ने पर शेयरों को तुरंत कैश में बदला जा सकता है।
- मालिकाना हक का अनुभव: बता दें कि शेयर खरीदने पर आप कंपनी के मालिकों में गिने जाते हैं।
- डायवर्सिफिकेशन: अलग-अलग सेक्टर में निवेश करके जोखिम कम किया जा सकता है।
शेयर बाजार से जुड़ी कुछ प्रमुख शर्तें
- NSE/BSE
- भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज
- IPO Initial Public Offering, जब कंपनी पहली बार शेयर बेचती है
- Demat Account डिजिटल खाता जहाँ आपके शेयर रखे जाते हैं
- Trading Account शेयरों की खरीद-बिक्री के लिए
- Bull Market जब बाजार ऊपर जा रहा होBear Market जब बाजार नीचे जा रहा हो
इंडेक्स क्या है?

आपको बता दें कि शेयर बाजार में “इंडेक्स” (Index) का मतलब होता है – बाजार की स्थिति और प्रदर्शन को मापने का एक पैमाना। यह एक बेंचमार्क होता है जो कुछ चुनिंदा कंपनियों के शेयरों के प्रदर्शन पर आधारित होता है। इसको सही और सरल शब्दों में कहें तो जब इंडेक्स ऊपर जाता है, तो इसका मतलब है कि बाज़ार की स्थिति बेहतर हो रही है, और जब यह गिरता है, तो समझों बाजार में गिरावट आ रही है।
शेयर मार्केट म्यूचुअल फंड्स से कैसे अलग है?
अब आप में से कई लोग इस बात पर कंफ्यूज होंगे कि शेयर मार्केट और म्युचुअल फंड में क्या अंतर है? तो आपको बता दें कि दोनों में किए जाने वाला निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। जैसे-जैसे शेयर मार्केट ऊपर चढ़ेगा, वैसे ही शेयरों की कीमत और म्युचुअल फंड की वैल्यू बढ़ती जाएगी। फिर भी अगर इन्वेस्टमेंट के लिहाज से बात की जाए तो शेयर और म्युचुअल फंड में एक बड़ा अंतर है। सबसे बड़ा फर्क है कि रिस्क और रिवॉर्ड का। कई बार ऐसा होता है की मार्केट में तो तेजी आती है लेकिन आपके शेयरों का कोई भी भाव नहीं बड़ता। वही म्युचुअल फंड की वैल्यू लगातार बढ़ रही होती है। आपको बता दें कि बैंक एफडी और अन्य सरकारी स्कीम से ज्यादा रिटर्न पाने के लिए लोग शेयर और म्युचुअल फंड में पैसा लगाते हैं। आज के दौर पर दोनों ही निवेश के अच्छे विकल्प हैं। एक और जहां म्युचुअल फंड में रिस्क बहुत कम होता है, तो शेयर में थोड़ा ज्यादा।
डेमैट अकाउंट क्या होता है?
डेमैट अकाउंट की अगर बात करें तो इसका पूरा नाम है Dematerialized Account। यह एक ऐसा खाता होता है जिसमें आपके शेयर और अन्य निवेश डिजिटल (इलेक्ट्रॉनिक) रूप में रखे जाते हैं, ये सब ठीक वैसे ही रखा जाता है जैसे बैंक अकाउंट में पैसा रखा जाता है।
पहले जब लोग शेयर खरीदते थे, तो उन्हें कागज के सर्टिफिकेट मिलते थे। लेकिन अब तकनीक की मदद से उन सभी को डिजिटल फॉर्मेट में बदल दिया गया है, जिससे ट्रांजैक्शन सुरक्षित, तेज़ और आसान हो गया है। डेमैट अकाउंट उसी डिजिटल व्यवस्था का हिस्सा है।
Read More Article: